लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक बार फिर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाल रही है और अभी यह पूर्वोत्तर भारत में है. राहुल गांधी की अगुवाई वाली यह यात्रा कल तब सुर्खियों में आ गई जब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उनकी गाड़ी पर कथित तौर पर हमले की बात कही गई. उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी के कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का स्टीकर निकालकर नाली में फेंक दिया. अब इन हमलों के खिलाफ कांग्रेस आक्रामक हो गई है. राजस्थान में पार्टी मंगलवार को प्रदेशभर में मौन विरोध प्रदर्शन करेगी.
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि पार्टी असम में राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर कथित हमले के विरोध में मंगलवार (23 जनवरी) को राज्य भर के जिला मुख्यालयों में ‘मौन सत्याग्रह’ करेगी. पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार पर यात्रा को बाधित करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.
कांग्रेस ने BJP पर लगाए आरोप
कांग्रेस ने एक दिन पहले रविवार को यह आरोप लगाया था कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान उसके नेताओं पर बीजेपी समर्थकों की ओर से ‘हमला’ किया गया. यही नहीं राहुल गांधी जब बस से गुजर रहे थे तो भीड़ ने ‘जय श्री राम’ और ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाते हुए उन्हें घेर लिया. पार्टी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि पार्टी न तो प्रधानमंत्री से डरती है और न ही असम के मुख्यमंत्री से डरती है.
कांग्रेस के एक प्रवक्ता की ओर से यह आरोप लगाया गया कि बीजेपी और असम सरकार द्वारा राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को रोकने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा, “बीजेपी कार्यकर्ता कांग्रेस की इस यात्रा पर हमला कर व्यवधान डाल रहे हैं. अब सभी जिले की कांग्रेस समितियां कल मंगलवार को जिला मुख्यालयों में महात्मा गांधी की प्रतिमा या चित्र के सामने सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक ‘मौन सत्याग्रह’ आयोजित करके इसका विरोध करेंगी.”
यात्रा से घबरा गई है BJP: गहलोत
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को दिन में राहुल गांधी को असम में एक मंदिर में जाने से रोकने के लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के प्रति बढ़ते जनसमर्थन से बीजेपी घबरा रही है.
गहलोत ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट में कहा, “राहुल गांधी की यात्रा में असम सरकार की ओर से बार-बार पैदा की जाने वाली रुकावटें दिखाती हैं कि असम सरकार का अब लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं रह गया है और हमारी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के लिए बढ़ते जन समर्थन को देखकर बीजेपी की घबराहट बढ़ती जा रही है.” उन्होंने यह भी कहा, “हम असम में बीजेपी सरकार के इन अलोकतांत्रिक तरीकों का कड़ा विरोध करते हैं.”
मंदिर नहीं जा सके राहुल गांधी
राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान सोमवार को उस समय नाटकीय दौर आ गया जब उन्हें असम के नगांव जिले में श्री श्री शंकरदेव सतरा का दौरा करने और मोरीगांव जिले में एक बैठक करने से मना कर दिया गया. इस रोक से कांग्रेस नेता भड़क गए और नाराजगी दिखाते हुए उन्होंने पूछा कि क्या अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह तय करेंगे कि कौन मंदिर जाएगा और कब जाएगा.
श्रीमंत शंकरदेव 15वीं सदी के समाज सुधारक थे और राहुल गांधी उनकी जन्मस्थली सतरा के लिए सुबह निकले लेकिन उन्हें हैबरगांव में ही रोक दिया गया, जिसके बाद वह पार्टी के अन्य नेताओं के साथ धरने पर बैठ गए. कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें रोकने के पीछे का कोई कारण नहीं बताया.